अब सोई हुई रातों मे मुझे नींद नही आती
मेरे सपने सांस लेने लगे है
आज फ़िर लगता है ज़िन्दा हुँ मैं
मेरे सपने सांस लेने लगे है
अब मुन्तज़िर नही मैं सुबह होने का
मेरे सपने सांस लेने लगे है
अब फ़लाकत भी सर झुकाने लगी है
मेरे सपने सांस लेने लगे है
अब होंसलों से उडान भरनी है मुझको
मेरे सपने सांस लेने लगे है
अब सोई हुई रातों मे मुझे नींद नही आती
मेरे सपने सांस लेने लगे है
अब सोई हुई रातों मे मुझे.............
© Copyright rajnishsongara
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