"माना तू अदीब है मेरी जिन्दगी के अदाब का
बेहतरीन सजाया है तुने जमाना मेरे ख्वाब का
अब अखतर-शुमारी रह्ती है मेरे साथ, मैं अकेला नही सोता हुँ
यही लगता है अब कोइ अफ़्कार नही तुझे मेरे जजबाद का
माना तू अदीब है मेरी जिन्दगी के अदाब का"
© Copyright rajnishsongara
© Copyright rajnishsongara
shandaar
ReplyDeletekya bat
ReplyDeletekya bat
kya bat