Thursday, September 2, 2010

माना तू अदीब है मेरी जिन्दगी के अदाब का

"माना तू अदीब है मेरी जिन्दगी के अदाब का
बेहतरीन सजाया है तुने जमाना मेरे ख्वाब का
अब अखतर-शुमारी रह्ती है मेरे साथ, मैं अकेला नही सोता हुँ
यही लगता है अब कोइ अफ़्कार नही तुझे मेरे जजबाद का
माना तू अदीब है मेरी जिन्दगी के अदाब का"
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