ये वही प्यास है जो मुझे लग रही थी, वरना पानी तो मैं भी पीता हूँ | इस दरिया मे डूब रहा हूँ, बस तैरना चाहता हूँ निकलना नही | मंजील नही है पास वरना शिकारे तो बहुत चलते है, अकेले ही जाना है मन्ज़ील के करीब |
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